इस आर्टिकिल में अमलतास के बारे में जानेंगे ।डायबिटीज में अमलतास के लाभ।अमलतास के फूल क्यों नहीं तोड़े जाते ।अमलतास के बीज ।अमलतास के पते ।अमलतास के पेड़।अमलतास के गुण ।इस पोस्ट को अंत तक पढ़े । जब भी आप किसी सड़क के किनारे देखते होंगे। तब आपको लगता है ।ये हमारे काम का नहीं है। अब आपको इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप इसका उपयोग करना शुरू कर दीजिएगा। 🤔
आयुर्वेद की माने तो सुगर (डायबटीज़) त्वचा रोग ,पाचन ,respiration ,Blood,urinary system ,कफ ,TB हृदय रोग में लाभ होता है ।और जानते है इसके बारे में ।
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Toggleअमलतास पेड़ क्या है ?(what is amaltas ?)
- Scientific name : cassia fistula
- family : Liguminosae
- Subfamily : casealpiniodae
- Kingdom ; plantae
- अरागवध :- रोगों को नष्ट करने वाला ,
- राजबृक्ष:- यानी सुंदर ट्री ,
- शम्पाक :-भी कहते है इसका मतलब कल्याणकारी फल देने वाला ,
- दीर्घ फल :-यानी लंबे फल वाला ।
अमलतास की विशेषता
एक और है इसकी छाल तुम्हारी नाम से चमड़ा रंगने के काम आती है उत्पत्ति स्थान :-यह समस्त भारत में पाया जाता है रासायनिक संगठन :-इसकी फल मजा में अंथ्रक्विनोंन ग्लूटीन ,पेक्टिन ,कैल्शियम ऑक्सलेट ,तथा इसके कांड त्वक यानी स्टेम बार में 10 से 20 परसेंट टैनिन होता है और इसकी एक और विशेषता है पत्र और पुष्प में ग्लाइकोसाइड पाए जाते हैं अमलतास के गुण:-- गुण :-गुरु मृदु स्निग्ध होता है
- इसके रस मधुर होते हैं
- विपाक भी मधुर होता है
- और इसके वीर्य शीत
अनेक भाषाओं में अमलतास के नाम
भारत में इसको अनेक नाम से ही जानते हैं लेकिन देश-विदेश में को बंदरलाठी को और भी नाम से जानते हैं जैसा की आपको बोटैनिकल नाम और फैमिली नाम ऊपर में बता दिया गया है ।- हिंदी -अमलतास सोनाली
- इंग्लिश -कैसिया गोल्डन शावर
- संस्कृत -में राजवृक्ष
- उर्दू में -अमलतास
- गुजराती -गर्मलो
- बंगाली -सोनाली बंदर लाठी
- नेपाली में -अमलतास
अमलतास का उपयोग क्यूँ करना चाहिए ?(why should use of Amaltas fruit)
आपको जानकर यह खुशी होगी कि यह पौधा सड़क के किनारे लगा रहता है लेकिन इसके औषधि गुण नहीं पता होने के कारण हम लोग अपने जीवन में इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं इसके अंदर टॉनिक लैक्सेटिव ड्यूरेटिक्स पॉजिटिव और एंटीमेटिक प्रॉपर्टीज होती है इसका इस्तेमाल पुराने से पुराने बीमारियों के इलाज में किया जाता है अमलतास के बहुत सारे फायदे हैं अमलतास के जड़ से लेकर पत्ता तक यह औषधि गुण रखता है जैसे अमलतास के जड़ फुल बिज तने की छाल फल का गुदा इत्यादि का उपयोग करते है ।अमलतास के फूल क्यों नहीं तोड़े जाते?
अमलतास में अनेक परकार के औषधि गुण होने के कारण इसको नहीं तोड़ा जाता है ।अमलतास का उपयोग कैसे करे ?
- अब तक आपने जाना की आर्ग्वध क्या है इसके गुण और हर जगह अलग अलग नामों से जानते है।अब जानते ही कि इसका उपयोग कैसे कैसे कर सकते है ।
- अर्गवध के फल मजा को लेकर और इसके साथ हरितकी की और कुटकी ,मोथा और इसके साथ पीपली का जड़ भी जरूरी होता है और इसका काढ़ा बनाकर पीना पड़ता है तब जाकर बुखार उतर जाता है
- बंदर की लाठी (amaltaas )पेड़ से हम लोग पत्ते को ले लेंगे उसके बाद गाय का देसी दूध के साथ इसको हम लोग पीस लेंगे पीसने के बाद लेप करेंगे। जो भी नवजात शिशु होंगे उनके शरीर पर हम लोग लेप करेंगे आप देखेंगे कि उनकी फुंसियां कुछ समय के बाद दूर होते चले जाएंगे।
- आपको बता दें कि इसका फल का जो मजा है इसको धनिया के साथ अगर पीस लेते हैं और इसमें थोड़ा सा भी कथा मिलकर चूस लेते हैं तो इससे मुंह के छाले में काफी आराम होता है आपको बता दें कि बंदर की लाठी के गुड का उपयोग केवल मुंह में भी रखते हैं और उसको कुछ देर तक चूसते हैं तो मुंह के छाले ठीक होने लगते हैं
- हमारे शरीर के अंदर जब कफ बढ़ जाता है तो टॉन्सिल बढ़ने का चांस ज्यादा हो जाता है जब टांसिल हो जाता है तब हम लोग को 10 ग्राम आरोग्यवाद का जड़ को ले लेना है और इसको जल में लेकर उबालना है इसके के बाद एक ड्राप ले लेंगे उसके बाद बूंद बूंद करके मुंह में डालेंगे आप देखेंगे की कुछ देर के बाद आपको आराम लगने लगेगा
- और आप पेट की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको बंदर की लाठी के दो से तीन पत्तों में आयोडीन यानी कि नमक और मिर्च का उपयोग करना है इसके खाने से आपका पेट साफ होता है
- इसके फल का उपयोग किया गया है 10 से 20 ग्राम गुद्दे को 500 ml paaki me रात में भीग कर छोड़ देना है और इसको सुबह में और इसको सुबह में हाथ से मसल कर चाय छन्नी से छान लेना है और इसका सेवन करना है पेट की सफाई हो जाती है इतना गुणकारी है पेड़।
- इसके फूल को गुलकंद बनाकर सुबह शाम सेवन करने से कब्ज में लाभ होता है
- और इसके कच्चे फल को धूप में सुखाकर फिर इसको काटकर चरण कर लें इसके चौथाई भाग सेंधा नमक अगर आपके पास नींबू हो तो इसका रस मिलाकर सेवन करें आपको कब्ज में आराम मिलेगा
- आप इसमें इसके फल का गुदा और इसमें आवाले का रस ।
- आप इसको सुबह शाम सेवन करें आपको पीलिया रोग में जरूर लाभ होगा
- आपको बता दें कि यह डायबिटीज के लिए बहुत ही गुणकारी औषधि माना जाता है आप इसको 10 ग्राम इसके पत्ते को लेकर 400 मिलीलीटर पानी में पकाना है जब एक चौथाई बच जाए तब इसका सेवन करना है यानी कि इसका कड़ा बनाना है इससे मधुमेह में काफी लाभ होता है
- किसी को गठिया हो जाती है तब इसको 5 से 10 ग्राम इसके जड़ को लड़ाई 100 मिलीलीटर दूध में उबालने के बाद सुबह शाम सेवन करने से गठिया में लाभ होता है
- इसके साथ-साथ 10 से 15 पत्तों को गर्म करके जहां पर दर्द है वहां पर इसकी पट्टी करने पर गठिया में फायदा होता है
- तिल के तेल में पके हुए इसके पत्तों जब आप शाम का भोजन करते हैं तब उसे समय आपको सेवन करना है इसे आमवात में लाभ होता है
- अगर आप इसके पत्ते को देसी गाय का दूध में पीस लेते हैं और गर्भवती के स्त्री के पेट पर जो भी निशान है वहां पर उसको अच्छी तरीके से लगे इसमें बहुत जल्द आराम होता है
- इसके फल को इसके फल को गुदा को अगर काढ़ा बना लेते हैं और इसमें 5 से 10 ग्राम इमली का गुदा मिला लेते हैं और सुबह शाम इसको अगर पीते हैं इससे आपका जो पित्त विकार है उसमें आराम होता है अगर रोगी का हमेशा कफ बढ़ा रहता है तो उसमें थोड़ा निसोथ का चूर्ण भी आप मिल सकते हैं।और इसको पिलाने से लाभ होता है।
- हिंदी -अमलतास सोनाली
- इंग्लिश -कैसिया गोल्डन शावर
- संस्कृत -में राजवृक्ष
- उर्दू में -अमलतास
- गुजराती -गर्मलो
- बंगाली -सोनाली बंदर लाठी
- नेपाली में -अमलतास
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